mandhan yojana जो प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के नाम से जानी जाती है। भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में, लाखों लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। ये लोग, जैसे कि रिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर, घरेलू कामगार, स्ट्रीट वेंडर, और निर्माण श्रमिक, समाज की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा अक्सर अनदेखी हो जाती है। विशेष रूप से, वृद्धावस्था में उनकी आय का कोई निश्चित स्रोत नहीं होता, जिसके कारण उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) शुरू की, जो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के उद्देश्यः
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसे फरवरी 2019 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पात्र श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन दी जाती है। यह राशि श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाती है और उनके जीवन को सम्मानजनक बनाए रखने में मदद करती है।
योजना का संचालन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाता है, और इसे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) के माध्यम से लागू किया जाता है। LIC इस योजना का पेंशन फंड मैनेजर है, जो सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को समय पर पेंशन मिले।
mandhan yojana के लाभः
इस योजना के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं।
आर्थिक सुरक्षा: 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की मासिक पेंशन, जो श्रमिकों को बुढ़ापे में आत्मनिर्भर बनाती है।
परिवार की सुरक्षा: यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके पति या पत्नी को पेंशन का 50% (1,500 रुपये प्रति माह) मिलता है।
न्यूनतम योगदान: कम मासिक योगदान के साथ अधिक लाभ, जो श्रमिकों के लिए किफायती है।
पारदर्शिता: LIC और CSC के माध्यम से संचालित होने के कारण योजना पूरी तरह पारदर्शी है।
आत्मसम्मान: पेंशन की सुविधा श्रमिकों को बुढ़ापे में दूसरों पर निर्भर होने से बचाती है।
PM-SYM योजना में योगदान राशिः
PM-SYM एक अंशदायी योजना है, जिसमें श्रमिक और सरकार दोनों योगदान करते हैं। योगदान की राशि आवेदक की उम्र पर निर्भर करती है और यह 60 वर्ष की आयु तक मासिक जमा की जाती है। उदाहरण के लिए:
- 18 वर्ष की आयु में: 55 रुपये प्रति माह
- 30 वर्ष की आयु में: 100 रुपये प्रति माह
- 40 वर्ष की आयु में: 200 रुपये प्रति माह
श्रमिक जितना योगदान करते हैं, सरकार भी उतनी ही राशि उनके खाते में जमा करती है। यह योगदान न्यूनतम है, जिसे कोई भी श्रमिक आसानी से वहन कर सकता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) की विशेषताएँः
लचीलापन: अगर कोई लाभार्थी योजना से बाहर निकलना चाहता है, तो वह 10 वर्ष से पहले केवल अपनी जमा राशि और ब्याज प्राप्त कर सकता है। 10 वर्ष बाद, वह संचित राशि और ब्याज के साथ निकल सकता है।
विकलांगता लाभ: यदि लाभार्थी स्थायी रूप से अक्षम हो जाता है, तो उनके परिवार को पेंशन का लाभ मिल सकता है।
सरकारी समर्थन: सरकार का समान योगदान योजना को और आकर्षक बनाता है।
विशाल दायरा: यह योजना लगभग 42 करोड़ असंगठित श्रमिकों को कवर करने का लक्ष्य रखती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के कुछ प्रमुख बिन्दुः
विवरण | जानकारी | टिप्पणी |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) | असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना |
शुभारंभ | 15 फरवरी 2019 | केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषणा |
लाभ | 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3000 मासिक पेंशन | जीवन भर पेंशन, पति/पत्नी को मृत्यु के बाद ₹1500 पेंशन |
पात्रता (आयु) | 18 से 40 वर्ष | आवेदन के समय आयु के आधार पर योगदान राशि निर्धारित |
पात्रता (आय) | मासिक आय ₹15,000 या उससे कम | आयकर दाता पात्र नहीं |
योगदान राशि | ₹55 से ₹200 प्रति माह (आयु के आधार पर) | सरकार उतनी ही राशि का मिलान करती है |
आवेदन प्रक्रिया | कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या ऑनलाइन पोर्टल (maandhan.in) के माध्यम से | आधार कार्ड और बैंक खाता आवश्यक |
आवश्यक दस्तावेज | आधार कार्ड, बैंक पासबुक/चेक, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो | दस्तावेजों की कमी से आवेदन रद्द हो सकता है |
PM MANDHAN YOJNA की पात्रताः
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- आयु: आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आय: मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
- क्षेत्र: आवेदक असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला होना चाहिए, जैसे कि रिक्शा चालक, मोची, निर्माण श्रमिक, कृषि मजदूर, बीड़ी श्रमिक, या घरेलू कामगार।
- अन्य योजनाओं से बाहर: आवेदक को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), या राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) जैसी किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए।
- आयकर दाता नहीं: आवेदक को आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
- बैंक खाता: आवेदक का आधार से जुड़ा हुआ बचत खाता या जनधन खाता होना अनिवार्य है।
Pm Shram Yogi Mandhan Yojna Registration:
PM-SYM में रजिस्ट्रेशन करना बेहद आसान है। आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:
- नजदीकी CSC केंद्र पर जाएं: अपने आधार कार्ड, बचत खाते की पासबुक, और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं।
- दस्तावेज जमा करें: CSC एजेंट को अपने दस्तावेज सौंपें। आपको आय प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता हो सकती है।
- फॉर्म भरें: एजेंट आपका ऑनलाइन फॉर्म भरेगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करेगा।
- पहला योगदान: पहला मासिक योगदान जमा करें। इसके बाद, यह राशि आपके बैंक खाते से ऑटो-डेबिट हो सकती है।
- पेंशन कार्ड: रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक पेंशन कार्ड मिलेगा, जो आपकी योजना में भागीदारी का प्रमाण होगा।
वैकल्पिक रूप से, आप maandhan.in वेबसाइट पर जाकर स्वयं भी रजिस्टर कर सकते हैं। इसके लिए आपको मोबाइल नंबर, आधार, और बैंक खाते की जानकारी दर्ज करनी होगी।
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FAQ-
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना क्या है?
PM-SYM एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जो असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए कौन पात्र है?
18 से 40 वर्ष की आयु के असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम है, और जो EPF, NPS, या ESIC जैसी अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हैं, वे पात्र हैं।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में कितना मासिक योगदान देना होता है?
योगदान आयु पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, 18 वर्ष में 55 रुपये, 30 वर्ष में 100 रुपये, और 40 वर्ष में 200 रुपये प्रति माह। सरकार भी समान राशि जमा करती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन में पेंशन कब और कैसे मिलती है?
60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद, लाभार्थी को हर महीने 3,000 रुपये की पेंशन सीधे उनके बैंक खाते में मिलती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और पासपोर्ट साइज फोटो के साथ जाएं। वैकल्पिक रूप से, maandhan.in वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना मेंअगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाए, तो क्या होगा?
लाभार्थी की मृत्यु के बाद, उनके पति/पत्नी को पेंशन का 50% (1,500 रुपये प्रति माह) मिलता है।
क्या प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना से बीच में पैसा निकला जा सकता है?
हां, 10 वर्ष से पहले निकलने पर जमा राशि और ब्याज मिलता है। 10 वर्ष बाद संचित राशि और ब्याज के साथ निकला जा सकता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना मे यदि कोई मासिक योगदान देने में असमर्थ हो जाए, तो क्या होगा?
यदि योगदान समय पर नहीं दिया जाता, तो खाता निष्क्रिय हो सकता है। हालांकि, बकाया राशि और ब्याज जमा करके इसे पुनः सक्रिय किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ लेने के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक/विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो, और आय प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)।